फरवरी 2018 में पूर्वोत्तर के लिए नीति मंच की स्थापना क्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों और सतत आर्थिक विकास प्राप्त करने के लिए अपेक्षित अंत:क्षेप की सिफारिश करने हेतु की गई थी। इस मंच का नेतृत्व पूर्वोत्तर क्षेत्र के विकास राज्य मंत्री श्री जितेंद्र सिंह और नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार कर रहे हैं। इसकी पहली बैठक 10 अप्रैल 2018 को अगरतला, त्रिपुरा में आयोजित की गई थी।
दूसरी बैठक दिसंबर 2018 में गुवाहाटी, असम में आयोजित की गई थी। चिन्हित किए गए फोकस क्षेत्र बांस, डेयरी, मत्स्यपालन, चाय और पर्यटन थे। इन पर केंद्र और राज्य सरकारों, शिक्षा जगत और उद्योग जगत के विशेषज्ञों को शामिल करते हुए पांच समानांतर सत्रों में चर्चा की गई। फोरम द्वारा चिहि्नत पांच क्षेत्रों को आगे बढ़ाने के लिए, विशेषज्ञों द्वारा कार्य बिंदुओं पर चर्चा की गई और संबद्ध मंत्रालयों को विशिष्ट बिंदुओं पर कार्य करने के लिए कहा गया। सभी संबंधित मंत्रालयों को दूसरी बैठक में दी गई सिफारिशों के कार्यान्वयन के लिए एक रोडमैप तैयार करने का निदेश दिया गया। इन पर निगरानी की जा रही है।
इसके अलावा, फोरम की सिफारिशों के कार्यान्वयन को आगे बढ़ाने के लिए नीति आयोग द्वारा सितंबर 2020 में पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय के विशेष सचिव की अध्यक्षता में एक संयुक्त कार्य समूह का गठन किया गया था। 18 सितंबर 2020 को आयोजित समूह की पहली बैठक के दौरान, संबद्ध मंत्रालयों अनुशंसित पांच फोकस क्षेत्रों को विकसित करने और बढ़ावा देने के लिए और अधिक प्रयास करने का अनुरोध किया गया था।
गंगटोक और आइजोल में केबल कारों की व्यवहार्यता के अध्ययन के लिए प्रस्तावों का मूल्यांकन करना
गंगटोक और आइजोल में सार्वजनिक परिवहन के रूप में केबल कारों का विकास केंद्र और राज्य सरकारों के सहयोग से किया जाना है। अर्न्स्ट एंड यंग, एलएलपी को राज्यों को विकास सहायता सेवाओं के तहत अध्ययन करने के लिए एक भागीदार के रूप में नियुक्त किया गया है। दिनांक 26 अगस्त 2020 को नीति आयोग के सीईओ की अध्यक्षता में परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा के लिए एक बैठक आयोजित की गई थी।
सुबनसिरी परियोजना
पूर्वोत्तर प्रभाग ने सुबनसिरी एचईपी परियोजना के कायाकल्प पर काम किया है। इस मामले पर संबंधित अधिकारियों के साथ नियमित आधार पर चर्चा की गई। इसके परिणामस्वरूप राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) से मंजूरी के बाद, असम सरकार ने एनएचपीसी के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। अरुणाचल प्रदेश सरकार ने एनएचपीसी के साथ एक बिजली खरीद संबंधी समझौते पर भी हस्ताक्षर किए। इसके अलावा, असम सरकार ने राज्य स्तर पर एक कार्यबल और निचले स्तर पर एक कार्यफल का गठन किया। फलस्वरूप प्राथमिकता आधार पर काम शुरू हो गया है। दिनांक 24 अगस्त 2019 को नीति आयोग के उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में हुई बैठक में संबंधित अधिकारियों को इस प्रोजेक्ट से जुड़े काम को ढाई साल के भीतर पूरा करने का अनुदेश दिया गया था।
सिवोक-रंगपो और अगरतला-अखौरा रेल परियोजनाएँ
ये दोनों रेल परियोजनाएं राष्ट्रीय और सामरिक महत्व की हैं। राज्य सरकारों और अन्य हितधारकों को इन परियोजनाओं के कार्यान्वयन में तेजी लाने का अनुदेश दिया गया है। साथ ही, नीति आयोग ने इन दोनों परियोजनाओं में अंतर-राज्यीय और अंतर-मंत्रालयी मुद्दों में कमी लाने के लिए सभी हितधारकों के साथ समन्वय किया है।