- सिंहावलोकन
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नीति आयोग देश में सतत विकास लक्ष्य प्राप्त करने के लिए नोडल संस्था है, जो सहकारी और प्रतिस्पर्धी संघवाद की भावना के साथ 2030 एजेंडा का नेतृत्व कर रहा है। यह एसडीजी इंडिया सूचकांक, उत्तर-पूर्वी क्षेत्र जिला एसडीजी सूचकांक, बहुआयामी गरीबी सूचकांक के माध्यम से राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों के प्रदर्शन की निगरानी करता है, एसडीजी स्थानीयकरण को बढ़ावा देता है और राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के बीच प्रतिस्पर्धी भावना को प्रोत्साहित करता है। नीति आयोग द्वारा जारी एसडीजी इंडिया इंडेक्स रिपोर्ट सभी राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों के प्रदर्शन की निगरानी करती है, विभिन्न लक्ष्यों में उनकी समग्र उपलब्धियों के आधार पर उन्हें बेंचमार्क करती है। हालांकि कुछ राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों ने विशिष्ट एसडीजी क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है, परन्तु अन्य महत्वपूर्ण विकासात्मक अंतराल को दूर करने की व्यवस्था कर रहे हैं। इन असमानताओं को उजागर करके, सूचकांक लक्षित अन्तःक्षेपों का समर्थन करता है और यह देश भर में सतत विकास लक्ष्य की प्राप्ति में तेजी लाने के लिए प्रतिस्पर्धा और सहयोग दोनों को बढ़ावा देता है।
नीति आयोग ने पूर्वोत्तर क्षेत्र जिला सतत विकास लक्ष्य सूचकांक भी जारी किया है, जो आठ पूर्वोत्तर राज्यों के जिलों के प्रदर्शन पर निगरानी रखता है तथा स्थानीय नीति और योजना प्रयासों के लिए विस्तृत जानकारी प्रदान करता है।
इसके अलावा, नीति आयोग द्वारा जारी राष्ट्रीय बहुआयामी गरीबी सूचकांक सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के लक्ष्य 1.2 की दिशा में प्रगति का आकलन करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जिसका उद्देश्य "गरीबी के सभी आयामों में रहने वाले सभी आयु वर्ग के पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के अनुपात को कम से कम आधा करना है"। यह सूचकांक बहुआयामी गरीबी में आबादी के अनुपात पर राज्य, संघ राज्य क्षेत्र और जिला-स्तरीय डेटा प्रदान करता है, जिससे सरकारें नीतियों और योजनाओं को तदनुसार तैयार कर सकती हैं।
- एसडीजी इंडिया सूचकांक के चौथे संस्करण के अनुसार एसडीजी-वार प्रदर्शन
सतत विकास लक्ष्यों का सिंहावलोकन
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